मेरा एक मशवरा है, इल्तेजा नहीं
तू मेरे पास से इस वक़्त, जा नहीं
कोई दम चैन पड़ जाता मुझे भी
मगर मैं खुद से दम भर को जुदा नहीं
पता है जाने किसका, नाम मेरा
मेरा कोई पता, मेरा पता नहीं
सफर दरपेश है एक बेमसाफ़त
मसाफ़त हो तो कोई फासला नहीं
वो खुशबू मुझसे बिछड़ी थी यह कहकर
मनाना सबको पर अब रूठना नहीं
हैं सब एक दुसरे की जुस्तजू में
मगर कोई किसी को भी मिला नहीं
हमारा एक ही तो मुद्दा था
हमारा और कोई मुद्दा नहीं
कभी खुद से मुकर जाने में क्या है
मैं दस्तावेज़ पे लिखा हुआ नहीं
येही सब कुछ था, जिस दम वो यहाँ था
चले जाने पे उसके, जाने क्या नहीं
बिछड़ के जान तेरे आस्ताँ से
लगाया जी बहुत, पर जी लगा नहीं
जौन एलिया
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