बहरे रमल मुसद्दस मख़बून मुसककन के कुछ उदाहरण. 2122 1122 22
دن دہاڑے یہ لہو کی ہولی
خلق کو خوف خدا کا نہ رہا
दिन दहाड़े ये लहू की होली
ख़ल्क़ को ख़ौफ़ ख़ुदा का न रहा
(नासिर काज़मी)
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मैं न होऊं तो भला, तू क्या है
एक तसव्वुर के सिवा, तू क्या है
तेरे अपनों से मिला हूं जब से
तुझको भी जान गया, तू क्या है
(दीक्षित दनकौरी)
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तेरे जितने भी ठिकाने होंगे
देख उतने ही फ़साने होंगे
इस से पहले कि सितारे तोड़ें
पांव धरती पे जमाने होंगे
- दीक्षित दनकौरी
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شب کی تنہائی میں اب تو اکثر
گفتگو تجھ سے رہا کرتی ہے
शब की तन्हाई में अब तो अक्सर
गुफ़्तगु तुझ से रहा करती है
- परवीन शाकिर
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شب کی تنہائی میں اب تو اکثر
گفتگو تجھ سے رہا کرتی ہے
शब की तन्हाई में अब तो अक्सर
गुफ़्तगु तुझ से रहा करती है
- परवीन शाकिर
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