बहरे हजज़ मुसमन अख़रब के कुछ उदाहरण (221 1221 1221 122, ગાગાલ લગાગાલ લગાગાલ લગાગા)
(1)
आंखों में चराग़ों के उजाले न रहेंगे
आ जाओ के फिर देखने वाले न रहेंगे
- ख़ुमार बाराबंकी
(2)
رستہ بھی کٹھن دھوپ میں شدت بھی بہت تھی
رستہ بھی کٹھن دھوپ میں شدت بھی بہت تھی
سائے سے مگر اس کو محبت بھی بہت تھی
रस्ता भी कठिन धूप में शिद्दत भी बहुत थी
साए से मगर उस को मोहब्बत भी बहुत थी
- परवीन शाक़िर
(3)
دل کو تری چاہت پہ بھروسہ بھی بہت ہے
اور تجھ سے بچھڑ جانے کا ڈر بھی نہیں جاتا
दिल को तिरी चाहत पे भरोसा भी बहुत है
और तुझ से बिछड़ जाने का डर भी नहीं जाता
- अहमद फ़राज़
(4)
بےنام سے اک خوف سے دل کیوں ہے پریشاں
جب طے یے کہ کچھ وقت سے پہلے نہی ہوگا
बेनाम से इक ख़ौफ़ से दिल क्यूँ है परेशाँ
जब तय है कि कुछ वक़्त से पहले नहीं होगा
- अख़लाक़ ख़ान शहरयार
(5)
आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो
नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है
آنکھیں جو اٹھائے تو محبت کا گماں ہو
نظروں کو جھکائے تو شکایت سی لگے ہے
- जां निसार अख़्तर
(6)
تنہائی میں کرنی تو ہی اک بات کسی سے
لیکن وہ کسی وقت اکیلا نہیں ہوتا
तन्हाई में करनी तो है इक बात किसी से
लेकिन वो किसी भी वक़्त अकेला नहीं होता
- अहमद मुश्ताक़
(7)
شوخی سے ٹھہرتی نہیں قاتل کی نظر آج
یہ برق بلا دیکھیے گرتی ہے کدھر آج
शोख़ी से ठहरती नहीं क़ातिल की नज़र आज
ये बर्क़-ए-बला देखिए गिरती है किधर आज
- दाग़ दहलवी
(8)
محفل میں مرے ذکر کے آتے ہی اٹھے وہ
رسوائے محبت کا یہ اعجاز تو دیکھو
महफ़िल में मिरे ज़िक्र के आते ही उठे वो
रुस्वा-ए-मोहब्बत का ये एजाज़ तो देखो
- मोमिन ख़ाँ मोमिन
(9)
پتھر مجھے کہتا ہے مرا چاہنے والا
میں موم ہوں اس نے مجھے چھو کر نہیں دیکھا
पत्थर कहता है मेरा चाहने वाला
मैं मोम हूँ उसने मुझे छू कर नहीं देखा
- बशीर बद्र
(10)
मत पूछ कि क्या हाल है मेरा, तेरे पीछे
तू देख कि क्या रँग है तेरा, मेरे आगे
- ग़ालिब
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