बहरे-हज़ज मुसम्मन सालिम के कुछ उदाहरण-2. 1222 1222 1222 1222,
લગાગાગા લગાગાગા લગાગાગા લગાગાગા
લગાગાગા લગાગાગા લગાગાગા લગાગાગા
(11)
خدا شرمائے ہاتھوں کو کہ رکھتے ہیں کشاکش میں
کبھی میرے گریباں کو کبھی جاناں کے دامن کو
ख़ुदा शरमाए हाथों को कि रखते हैं कशाकश में
कभी मेरे गरेबाँ को कभी जानाँ के दामन को
- ग़ालिब
(12)
अलग बैठे थे फिर भी आँख साक़ी की पड़ी हम पर
अगर है तिश्नगी कामिल तो पैमाने भी आएँगे
- मज़रूह सुलतानपुरी
الگ بیٹھے تھے پھر بھی آنکھ ساقی کی پڑھی ہم پر
اگر ہے تشنگی کامل تو پیمانے بھی آئیں گے
(13)
ملاتے ہو اسی کو خاک میں جو دل سے ملتا ہے
مری جاں چاہنے والا بڑی مشکل سے ملتا ہے
मिलाते हो उसी को ख़ाक में जो दिल से मिलता है
मिरी जाँ चाहने वाला बड़ी मुश्किल से मिलता है
- दाग़ देहलवी
(14)
उदासी, शाम, तन्हाई, कसक यादों की, बेचैनी,
उदासी, शाम, तन्हाई, कसक यादों की, बेचैनी,
मुझे सब सौंप कर सूरज उतर जाता है पानी में !
- अलीना इतरत
(15)
मेरी क़ीमत को सुनते हैं तो गाहक लौट जाते हैं
बहुत कमयाब हो जो शय वो होती है गिराँ अक्सर
- नश्तर ख़ानक़ाही
(16)
محبت تھی چمن سے لیکن اب یہ بد دماغی ہے
کہ موج بوئے گل سے ناک میں آتا ہے دم میرا
मुहब्बत थी चमन से लेकिन अब ये बद-दिमाग़ी है
कि मौज-ए-बू-ए-गुल से नाक में आता है दम मेरा
- मिर्ज़ा ग़ालिब
(17)
થયાં છે એમને આ કેટલાં સારાં શુકન બેફામ,
જનાજો મારો નીકળ્યો એમની બારાતને વખતે.
- બેફામ
(18)
જગા એમાં મને મળતી નથી એમાં નવાઈ શી?
હજી મારા હ્રદય કરતાં જગત આ બહુ જ નાનું છે.
- બેફામ
(19)
نہ وہ آئیں کہ راحت ہو نہ موت آئے کہ فرصت ہو
پڑا ہے دل کشاکش میں نہ غم نکلے نہ دم نکلے
न वो आएँ कि राहत हो न मौत आए कि फ़ुर्सत हो
पड़ा है दिल कशाकश में न ग़म निकले न दम निकले
- जलील मानिकपुरी
(20)
محبت رنگ دے جاتی ہے جب دل دل سے ملتا ہے
مگر مشکل تو یہ ہے دل بڑی مشکل سے ملتا ہے
मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है
मगर मुश्किल तो ये है दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है
- जलील मानिकपुरी
(19)
نہ وہ آئیں کہ راحت ہو نہ موت آئے کہ فرصت ہو
پڑا ہے دل کشاکش میں نہ غم نکلے نہ دم نکلے
न वो आएँ कि राहत हो न मौत आए कि फ़ुर्सत हो
पड़ा है दिल कशाकश में न ग़म निकले न दम निकले
- जलील मानिकपुरी
(20)
محبت رنگ دے جاتی ہے جب دل دل سے ملتا ہے
مگر مشکل تو یہ ہے دل بڑی مشکل سے ملتا ہے
मोहब्बत रंग दे जाती है जब दिल दिल से मिलता है
मगर मुश्किल तो ये है दिल बड़ी मुश्किल से मिलता है
- जलील मानिकपुरी
No comments:
Post a Comment