11212 11212 11212 11212, લલગાલગા લલગાલગા લલગાલગા લલગાલગા
(1)
یوں بھی آ مری آنکھ میں کہ مری نظر کو خبر نہ ہو
مجھے ایک رات نواز دے مگر اس کے بعد سحر نہ ہو
कभी यूँ भी आ मेरी आँख में कि मेरी नज़र को ख़बर न हो
मुझे एक रात नवाज़ दे मगर इस के बाद सहर न हो
- बशीर बद्र
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