सज धज करके सामने जब तू रहता है
क्या बतलाऊँ कैसे क़ाबू रहता है
जो भी तुझको देखे, तेरा हो जाये
तुझमें शायद काला जादू रहता है
रूह मेरी हर वक़्त महकती है जैसे
कोई मुझमें बनके खुशबू रहता है
आग, हवा, जल, नभ, मिट्टी मालूम नहीं
मेरे हर इक क़तरे में तू रहता है
तुझको सोचूँ, तुझको चाहूँ, प्यार करूँ
अक्स तेरा नज़रों में हर सू रहता है
मेरी हर मुस्कान अधूरी है अनमोल
तेरी आँख में जब तक आँसू रहता है
- के.पी. अनमोल
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