बहरे मुजतस मुसमन मख़बून महज़ूफ के कुछ उदाहरण. भाग-3. 1212 1122 1212 22
(21)
मेरी ख़ताएं तो गिन गिन के दर्ज करता है
मेरी वफ़ाओं का उस पर कोई हिसाब नहीं
- दीक्षित दनकौरी
(22)
ઝૂલું છું જેમાં હું એ તારી ખાટ છે, માલિક
સમસ્ત વિશ્વ બનારસનો ઘાટ છે, માલિક
- એસ.એસ. રાહી
(23)
कोई मिला ही नहीं जिस से हाले दिल कहते
मिला तो रह गए लफ़्ज़ों के इंतेखाब में हम
- अलीना इतरत
کوئی ملا ہی نہیں جس سےحال دل کہتے
ملا تو رہ گئے لفظوں کے انتخاب میں ہم
علینا عترت
(24)
लगा के देख ले जो भी हिसाब आता हो
मुझे घटा के वो गिनती में रह नही सकता
- वसीम बरेलवी
(25)
वो शाख़-ए-गुल पे रहें या किसी की मैयत पे
चमन के फूल तो आदी हैं मुस्कुराने के
~ अनजान
(24)
लगा के देख ले जो भी हिसाब आता हो
मुझे घटा के वो गिनती में रह नही सकता
- वसीम बरेलवी
(25)
वो शाख़-ए-गुल पे रहें या किसी की मैयत पे
चमन के फूल तो आदी हैं मुस्कुराने के
~ अनजान
No comments:
Post a Comment