हाल ही में एक-दूसरे से काफ़ी हद तक मिलते जुलते दो पसंदीदा गानों के बारे में फ़ेसबुक पर एक पोस्ट की। ये गानें हैं: (1) दिल लगा लिया मैंने तुम-से प्यार करके (फ़िल्म: दिल है तुम्हारा - 2002, गायक-गायिका: उदित नारायण, अलका याज्ञिक) और (2) हम तुम्हारे हैं सनम (फ़िल्म: हम तुम्हारे हैं सनम - 2002, उदित नारायण, अनुराधा पौंडवाल).
तभी एक पाकिस्तानी दोस्त के हवाले से पता चला कि ये दो गानें वास्तव में 1998 में रिलीज़ हुए पाकिस्तानी गायिका हादिक़ा कियानी के आल्बम 'रोशनी' का एक गाना ' बूहे बारियाँ' की कॉपी है! अब सुनिए यह असल गाना:
इतना अच्छा गाने वाली पाकिस्तानी गायिका हादिक़ा कियानी की तस्वीर साझा करनी तो बनती है ना? :)
Hadiqa Kiani |
अब एक और पसंदीदा गाने के बारे में कुछ कहना चाहता हूँ। ये गाना है : दिल देता है रो रो दुहाई, किसी से कोई प्यार ना करे... (गीतकार: क़तील शिफाई, फ़िल्म: फिर तेरी कहानी याद आई, 1993, गायक: पंकज उधास)
असल में ये गाना 1961 की एक पाकिस्तान फ़िल्म 'इश्क़ पर ज़ोर नहीं' में संगीत निदेशक मास्टर इनायत हुस्सैन ने गायिका मुनव्वर सुलताना से गवाया था। हालात कुछ ऐसे हुए कि शायर क़तील शिफाई साहब को पैसों के लिए यह गाना बेचना पड़ा और 1993 में आई महेश भट्ट की फ़िल्म 'फिर तेरी कहानी याद आई' में संगीतकार अनु मलिक के निदेशन में पंकज उधास ने इस गाने को ज्यादा ठहराव और संजीदगी के साथ धीमी गति में गज़ल फार्मेट में बख़ूबी निभाया। पेश है 1961 में आई पाकिस्तानी फ़िल्म का असल गाना:
دل دیتا ہے رو رو دہائی کسی سے کوئی پیار نہ کرے... by ranajee00
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